
मेरा कद 5'8" है। मेरी चूचियाँ 34", कमर 28" और नितंब 36" हैं। मुझे काले रंग की ब्रा और पेंटी पहनना बहुत ही पसंद है और ऊपर से छोटा सा टॉप और कसी हुई जींस। चलते हुए चूतड़ मटकाना भी मुझे बेहद पसंद है।
बात ज्यादा पुरानी नहीं है, एक दिन जब मैं सुबह उठी तो मेरा सर दर्द कर रहा था। मैंने मम्मी को कहा- मेरा सर दर्द कर रहा है, आज मैं कॉलेज नहीं जाऊँगी।
और मैं फिर से सो गई। बाद में मैं दस बजे उठी तब तक भाई स्कूल चला गया था और मेरा सर दर्द भी काफी कम हो गया था।
मम्मी ने खाना बना लिया था, जब मैं मम्मी के कमरे में गई तो मम्मी तैयार हो रही थी तो मैंने मम्मी से पूछा- मम्मी कहाँ जा रही हो?
मम्मी ने बताया कि वो मार्केट जा रही हैं सविता आंटी के साथ! शाम तक लौटेंगी और कहा- खाना बना दिया है, नहा कर खा लेना।
मम्मी तो तैयार होकर आंटी के साथ चली गई। अब घर में मैं अकेली रह गई। भाई शाम को 6 बजे तक आता है क्योंकि वह ट्यूशन जाता है। वो और मम्मी तो शाम तक आने वाली थी इसलिये मुझे कोई डर नहीं था, मुझे मस्ती की सूझी।
सबसे पहले मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए। जब भी मैं घर पर अकेली होती हूँ तो मुझे बिना कपड़ों के रहने बड़ा ही अच्छा लगता है। फिर मैंने अपने दराज में से रेजर निकाला अपनी चूत के बाल साफ़ करने के लिए पापा की शेविंग क्रीम का इस्तेमाल किया। खूब कायदे से क्रीम लगाकर अपने बाल साफ़ कर लिए। फिर मैं नहाने चली गई।
नहाने के बाद मैंने सोचा कि जल्दी से खाना खा लूँ बाद में तो ..... आप समझ गए होंगे कि जब एक लड़की घर में अकेली होती है तो वो क्या करती होगी।
खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे में गई वहाँ मैंने ड्रावर में से बॉडी क्रीम निकाली और धीरे धीरे अपनी चूचियों पर लगाने लगी। मैं धीरे धीरे गर्म होने लगी। कब मेरा हाथ मेरी चूत पर चला गया पता ही नहीं चला और मैं एक उंगली अपनी चूत में डाल कर आगे-पीछे करने लगी।
मुझे बड़ा मजा आ रहा था। एक हाथ से मैं अपनी चूत में उंगली कर रही थी और दूसरी हथेली से अपनी चूचियाँ मसल रही थी। जब उंगली कम पड़ने लगी तो मैं किचन में जाकर बेलन ले आई। लेकिन मजा नहीं आया तो वापस उंगली पर आ गयी।
मेरी उंगली तेज चलने लगी और मेरे मुँह से आह्ह उफ्फ आह्ह की आवाज आने लगी। मैं अपने चरम बिन्दु पर पहुँच गई और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया लेकिन अभी भी मेरा मन नहीं भरा था। मैंने अपनी उंगली अपनी गाण्ड में डाल ली और उसे आगे-पीछे करने लगी।
तभी दरवाजे की घंटी बजी। मैंने जल्दी से आधे अधूरे कपड़े पहने और गेट खोलने गई।
मैंने मैंने गेट खोला तो गेट पर दीपक, मेरा भाई, था।
मैंने उससे पूछा- आज जल्दी कैसे आ गया?
दीपक बोला- आज टयूशन वाले सर कहीं गए हुए थे। इसलिये टयूशन की छुट्टी हो गई !
फिर उसने मेरी तबियत के बारे में पूछा। मैंने कहा- अब पहले से बेहतर है लेकिन पेट में दर्द और छाती में जलन अभी भी हो रही है।
आपको बता दूँ कि मेरा भाई दीपक मेरी चूचिया और गाण्ड जी भर कर देखता है। जब हम दोनों टीवी देख रहे होते हैं तो उसकी नजरें मेरी जांघों और मेरी चूचियों पर होती है।
कई महीनों से मैं इसे जानती हूँ। इसलिए मैंने उस से पूछा कि क्या वह मेरे पेट पर तेल की मालिश कर देगा।
जैसी मुझे उम्मीद थी वह तुरंत तैयार हो गया। मैं उसे अपने कमरे में ले गयी और अपनी टॉप उतार के पीठ के बल लेट गयी। पेट की मालिश के बहाने भाई धीरे-धीरे मेरी मेरी छाती को आ गया और बड़ी देर तक मेरी चूचियों को मसलता रहा। मैं भी मजे लेती रही। लेकिन इससे ज्यादा करने-कराने का मन होने पर भी हम दोनों ही आगे नहीं बढे।
शाम के 6 बजे मम्मी भी आ गई। रात होने पर हम सब खाने खा कर सोने के लिए अपने-अपने कमरे में चले गए।
मैं रात को लोअर और ऊपर बिल्कुल पतला टॉप डालती हूँ ताकि गर्मी न लगे। आज तो मैंने चड्ढी भी नहीं पहना था।
मैं बेड पर पेट के बल तकिये को बाहों में लेकर सो गई। रात को तकरीबन 11 बजे मुझे लगा कि मेरी टाँगों पर कोई कीड़ा चल रहा है। मैंने खड़े होकर लाइट जलाई तो देखा कि दीपक मेरे कमरे से तेजी से निकल कर अपने कमरे में भाग कर चला गया।
मैं समझ गई कि वो कीड़ा नहीं दीपक था और वो फिर से आएगा। इसलिए मैं लाइट बंद करके सोने का नाटक करने लगी। 20 मिनट बाद मुझे लगा कि दीपक आ गया है तो मैंने करवट बदली। करवट बदलते हुए उसका हाथ मेरी टांगों से छू गया और मुझे यकीन हो गया कि वो आ गया है। मैं सोयी होने का नाटक करने लगी।
दीपक ने धीरे धीरे मेरे टांगों पर हाथ फिराना शुरू किया। मेरी शरीर में अजीब से लहरें दौड़ने लगी वो मेरी टांगों पर चुम्बन करने लगा। मेरे लोअर को नीचे करने लगा और धीरे धीरे मेरी टांगों को चाटने लगा।
मेरी टाँगें चाटते हुए उसने एक हाथ मेरे कूल्हों पर फिराना शुरू किया। उसे लगा कि मैं सो रही हूँ। लेकिन उसे क्या पता था कि आज रात वो मेरा पति बनने वाला है। मैंने सोच लिया था कि आज तो उसके लंड और मेरी चूत का मिलन करवाऊँगी ही!
थोड़ी देर बाद वो मेरे कूल्हे दबाने लगा और धीरे धीरे मेरी चूत भी दबाने और मसलने लगा। कुछ देर दबाने के बाद वो ऊपर बढ़ने लगा और मेरी कुर्ती के भीतर हाथ डाल कर मेरी चूचियों को भी धीरे-धीरे दबाने लगा।
मेरे मुँह से आह्ह हिस्स्स्स की आवाजें निकलने लगी तो उसे पता चल गया कि मैं जाग रही हूँ लेकिन उसने हिम्मत करके अपना काम चालू रखा और वो मुझ पर लेट गया और एकदम से अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा।
मैंने भी धीरे धीरे उसका साथ देना शुरू कर दिया। वो समझ चुका था कि रास्ता साफ़ है तो उसने जोर से मेरी चूचियाँ दबानी शुरू कर दी। अब उसने मेरा टॉप निकाल दिया और मुझे लोअर निकलने के लिए खड़ा होने के लिए बोला।
जैसी ही मैं खड़ी हुई उसने तेजी से मेरा लोअर नीचे खींच दिया। अब मैं उसके सामने सिर्फ लाल पैंटी में थी। उसने मुझे बेड पर गिरा दिया और अपना मुंह मेरी चूत पर रख दिया और उसे ऊपर से चाटने लगा और अपने दोनों हाथों से मेरे कूल्हे दबाने लगा। मेरी गांड में उंगली दबाने लगा।
मैं उसका सर अपने हाथों से अपने चूत पर दबाने लगी, मेरे मुँह से तरह तरह की आवाजें निकलने लगी- मैं… मर गई रे ईईईइ अह्हा मर गई! ऐसे नहीं! धीरे धीरे कर ना!
फिर उसने मेरी ब्रा और पेंटी निकाल दी और मैंने उसका अण्डरवियर निकाल दिया। उसका 8 इंच का लण्ड मेरे सामने था। मैंने बिना देरी किये उसके लंड को मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी।
वो बोल रहा था- चूस मेरी जान चूस ! आज तो तुझे इतना चोदूँगा कि तू हमशा मुझसे ही चुदेगी। तेरी गांड मारूंगा!
मैं जोर जोर से उसका मोटा लंड चूस रही थी। जब काफी मजे ले लिए तब उसने मुझे कुतिया बनने के लिए कहा। मैं समझ गई कि पहले मेरी गांड मरेगी। मैं झट से कुतिया बन गई। फिर वो मेरी गांड चाटने लगा।
हाय क्या बताऊँ दोस्तो, गांड चटाने में कितना मजा आता है। सच में वो अपनी जीभ को मेरी गांड के प्यारे से छेद में डालने लगा। कभी उसे गांड के छेद पर फिराता तो कभी उसे मेरी गांड में डालता। जब मेरी गांड बिल्कुल गीली हो गई तो उसने थोड़ा सा थूक अपने लंड पर लगाया और अपने लंड का टोपा मेरी गांड के छेद पर रखा और एक जोरदार झटका मारा।
उसका पूरा का पूरा लंड मेरी गांड में चला गया, मैं तो मानो मर ही गई, मेरी आँखों में आँसू आ गये और उसे लंड निकलने के लिए कहने लगी लेकिन वो मेरी गांड में लंड डाले ही मुझे पर लेट गया। कोई दस मिनट बाद जब दर्द कम हुआ तो उसने धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए।
अब तो मैं भी उसका साथ देने लगी और चिल्लाने लगी- बहन के लौड़े! और जोर से चोद! फाड़ दे मेरी गांड! अपनी बहन को इतना चोद कि मैं खड़ी भी न हो पाऊँ!
वो जोर जोर से धक्के मारने लगा। उसका पूरा का पूरा का लंड मेरी गांड की जड़ तक जा रहा था। करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद वो कहने लगा कि उसका काम होने वाला है।
बोला- अब मैं लण्ड निकालने वाला हूँ।
मैंने उसे कहा- नहीं यार! आज तो अपने अमृत से मेरी गांड की प्यास बुझा दे। अंदर ही झाड़ दे अपना माल!
वो झटके मारने लगा और अपना पानी मेरी गांड में भर दिया। उसके लंड से निकला गर्म पानी गांड में डलवा कर मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। पानी छोड़ने के बाद मैंने उसका लंड चाट कर साफ़ कर दिया।
मैंने कहा- मेरे राजा भाई! अपनी बहन की चूत नहीं मारेगा क्या?
उसने कहा- मारूँगा मेरी जान! भोसड़ा बना दूँगा तेरी चूत का! लेकिन पहले मेरे लंड को खड़ा तो कर!
मैंने फिर से उसका लंड मुंह में लिया और उसे चूसने लगी।
10 मिनट में उसका लंड फिर से लोहे जैसा हो गया। उसने मुझे सीधी लिटा दिया और मेरी टाँगें चौड़ी करके मेरी चूत चाटने लगा। मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं स्वर्ग में हूँ और बस चूत चटवाती ही रहूँ।
कुछ देर चूत चाटने पर उसने अपना लंड मेरी चूत पर रखा और जोर का झटका मारा। उसके लंड ने मेरी चूत को सलामी दी।
मैं आपको बता दूँ कि कई बार मैं चूत में मोमबत्ती भी डाल लेती थी इसलिये मेरी झिल्ली फट चुकी थी। लंड के अंदर जाने में मुझे इतना दर्द नहीं हुआ और न ही खून निकला। जब उसने देखा कि खून नहीं आया तो उसने कहा- क्या बात है, कहीं किसी और से तो नहीं चुद ली?
तब मैंने उसे बताया कि मैं मोमबत्ती डालती थी इसलिये मेरी झिल्ली पहले ही फट चुकी थी।
फिर क्या था, उसने जोर जोर से धक्के लगाने शुरु किये और मैं भी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी। आधे घंटे चुदने के बाद हम दोनों एक साथ झड़े। उसने अपना सारा पानी मेरी चूत में ही छोड़ दिया। वो डर गया तो मैंने उससे कहा- कोई बात नहीं, आय-पिल ला दियो, मैं ले लूँगी।
फिर मैं थोड़ी देर तक ऐसे ही चूत में लंड डलवाए लेटी रही।
तब तक सुबह के 5 बज गए थे। हमने जल्दी से अपने कपड़े पहने और वो अपने कमरे में जाकर सो गया।
जाते हुए मैंने उसे कह दिया- अब तो मैं तेरा ही लंड डलवाया करूंगी अपनी चूत में!
तो उसने भी कह दिया- अब तो मैं भी तुझे रोज चोदा करूँगा मेरी बहन!
फिर वह मुस्करा कर चला गया। तब से लेकर आज तक मैं उससे चुद रही हूँ। खूब!
और मैं फिर से सो गई। बाद में मैं दस बजे उठी तब तक भाई स्कूल चला गया था और मेरा सर दर्द भी काफी कम हो गया था।
मम्मी ने खाना बना लिया था, जब मैं मम्मी के कमरे में गई तो मम्मी तैयार हो रही थी तो मैंने मम्मी से पूछा- मम्मी कहाँ जा रही हो?
मम्मी ने बताया कि वो मार्केट जा रही हैं सविता आंटी के साथ! शाम तक लौटेंगी और कहा- खाना बना दिया है, नहा कर खा लेना।
मम्मी तो तैयार होकर आंटी के साथ चली गई। अब घर में मैं अकेली रह गई। भाई शाम को 6 बजे तक आता है क्योंकि वह ट्यूशन जाता है। वो और मम्मी तो शाम तक आने वाली थी इसलिये मुझे कोई डर नहीं था, मुझे मस्ती की सूझी।
सबसे पहले मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए। जब भी मैं घर पर अकेली होती हूँ तो मुझे बिना कपड़ों के रहने बड़ा ही अच्छा लगता है। फिर मैंने अपने दराज में से रेजर निकाला अपनी चूत के बाल साफ़ करने के लिए पापा की शेविंग क्रीम का इस्तेमाल किया। खूब कायदे से क्रीम लगाकर अपने बाल साफ़ कर लिए। फिर मैं नहाने चली गई।
नहाने के बाद मैंने सोचा कि जल्दी से खाना खा लूँ बाद में तो ..... आप समझ गए होंगे कि जब एक लड़की घर में अकेली होती है तो वो क्या करती होगी।
खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे में गई वहाँ मैंने ड्रावर में से बॉडी क्रीम निकाली और धीरे धीरे अपनी चूचियों पर लगाने लगी। मैं धीरे धीरे गर्म होने लगी। कब मेरा हाथ मेरी चूत पर चला गया पता ही नहीं चला और मैं एक उंगली अपनी चूत में डाल कर आगे-पीछे करने लगी।
मुझे बड़ा मजा आ रहा था। एक हाथ से मैं अपनी चूत में उंगली कर रही थी और दूसरी हथेली से अपनी चूचियाँ मसल रही थी। जब उंगली कम पड़ने लगी तो मैं किचन में जाकर बेलन ले आई। लेकिन मजा नहीं आया तो वापस उंगली पर आ गयी।
मेरी उंगली तेज चलने लगी और मेरे मुँह से आह्ह उफ्फ आह्ह की आवाज आने लगी। मैं अपने चरम बिन्दु पर पहुँच गई और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया लेकिन अभी भी मेरा मन नहीं भरा था। मैंने अपनी उंगली अपनी गाण्ड में डाल ली और उसे आगे-पीछे करने लगी।
तभी दरवाजे की घंटी बजी। मैंने जल्दी से आधे अधूरे कपड़े पहने और गेट खोलने गई।
मैंने मैंने गेट खोला तो गेट पर दीपक, मेरा भाई, था।
मैंने उससे पूछा- आज जल्दी कैसे आ गया?
दीपक बोला- आज टयूशन वाले सर कहीं गए हुए थे। इसलिये टयूशन की छुट्टी हो गई !
फिर उसने मेरी तबियत के बारे में पूछा। मैंने कहा- अब पहले से बेहतर है लेकिन पेट में दर्द और छाती में जलन अभी भी हो रही है।
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कई महीनों से मैं इसे जानती हूँ। इसलिए मैंने उस से पूछा कि क्या वह मेरे पेट पर तेल की मालिश कर देगा।
जैसी मुझे उम्मीद थी वह तुरंत तैयार हो गया। मैं उसे अपने कमरे में ले गयी और अपनी टॉप उतार के पीठ के बल लेट गयी। पेट की मालिश के बहाने भाई धीरे-धीरे मेरी मेरी छाती को आ गया और बड़ी देर तक मेरी चूचियों को मसलता रहा। मैं भी मजे लेती रही। लेकिन इससे ज्यादा करने-कराने का मन होने पर भी हम दोनों ही आगे नहीं बढे।
शाम के 6 बजे मम्मी भी आ गई। रात होने पर हम सब खाने खा कर सोने के लिए अपने-अपने कमरे में चले गए।
मैं रात को लोअर और ऊपर बिल्कुल पतला टॉप डालती हूँ ताकि गर्मी न लगे। आज तो मैंने चड्ढी भी नहीं पहना था।
मैं बेड पर पेट के बल तकिये को बाहों में लेकर सो गई। रात को तकरीबन 11 बजे मुझे लगा कि मेरी टाँगों पर कोई कीड़ा चल रहा है। मैंने खड़े होकर लाइट जलाई तो देखा कि दीपक मेरे कमरे से तेजी से निकल कर अपने कमरे में भाग कर चला गया।
मैं समझ गई कि वो कीड़ा नहीं दीपक था और वो फिर से आएगा। इसलिए मैं लाइट बंद करके सोने का नाटक करने लगी। 20 मिनट बाद मुझे लगा कि दीपक आ गया है तो मैंने करवट बदली। करवट बदलते हुए उसका हाथ मेरी टांगों से छू गया और मुझे यकीन हो गया कि वो आ गया है। मैं सोयी होने का नाटक करने लगी।
दीपक ने धीरे धीरे मेरे टांगों पर हाथ फिराना शुरू किया। मेरी शरीर में अजीब से लहरें दौड़ने लगी वो मेरी टांगों पर चुम्बन करने लगा। मेरे लोअर को नीचे करने लगा और धीरे धीरे मेरी टांगों को चाटने लगा।
मेरी टाँगें चाटते हुए उसने एक हाथ मेरे कूल्हों पर फिराना शुरू किया। उसे लगा कि मैं सो रही हूँ। लेकिन उसे क्या पता था कि आज रात वो मेरा पति बनने वाला है। मैंने सोच लिया था कि आज तो उसके लंड और मेरी चूत का मिलन करवाऊँगी ही!
थोड़ी देर बाद वो मेरे कूल्हे दबाने लगा और धीरे धीरे मेरी चूत भी दबाने और मसलने लगा। कुछ देर दबाने के बाद वो ऊपर बढ़ने लगा और मेरी कुर्ती के भीतर हाथ डाल कर मेरी चूचियों को भी धीरे-धीरे दबाने लगा।
मेरे मुँह से आह्ह हिस्स्स्स की आवाजें निकलने लगी तो उसे पता चल गया कि मैं जाग रही हूँ लेकिन उसने हिम्मत करके अपना काम चालू रखा और वो मुझ पर लेट गया और एकदम से अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा।
मैंने भी धीरे धीरे उसका साथ देना शुरू कर दिया। वो समझ चुका था कि रास्ता साफ़ है तो उसने जोर से मेरी चूचियाँ दबानी शुरू कर दी। अब उसने मेरा टॉप निकाल दिया और मुझे लोअर निकलने के लिए खड़ा होने के लिए बोला।
जैसी ही मैं खड़ी हुई उसने तेजी से मेरा लोअर नीचे खींच दिया। अब मैं उसके सामने सिर्फ लाल पैंटी में थी। उसने मुझे बेड पर गिरा दिया और अपना मुंह मेरी चूत पर रख दिया और उसे ऊपर से चाटने लगा और अपने दोनों हाथों से मेरे कूल्हे दबाने लगा। मेरी गांड में उंगली दबाने लगा।
मैं उसका सर अपने हाथों से अपने चूत पर दबाने लगी, मेरे मुँह से तरह तरह की आवाजें निकलने लगी- मैं… मर गई रे ईईईइ अह्हा मर गई! ऐसे नहीं! धीरे धीरे कर ना!
फिर उसने मेरी ब्रा और पेंटी निकाल दी और मैंने उसका अण्डरवियर निकाल दिया। उसका 8 इंच का लण्ड मेरे सामने था। मैंने बिना देरी किये उसके लंड को मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी।
वो बोल रहा था- चूस मेरी जान चूस ! आज तो तुझे इतना चोदूँगा कि तू हमशा मुझसे ही चुदेगी। तेरी गांड मारूंगा!
मैं जोर जोर से उसका मोटा लंड चूस रही थी। जब काफी मजे ले लिए तब उसने मुझे कुतिया बनने के लिए कहा। मैं समझ गई कि पहले मेरी गांड मरेगी। मैं झट से कुतिया बन गई। फिर वो मेरी गांड चाटने लगा।
हाय क्या बताऊँ दोस्तो, गांड चटाने में कितना मजा आता है। सच में वो अपनी जीभ को मेरी गांड के प्यारे से छेद में डालने लगा। कभी उसे गांड के छेद पर फिराता तो कभी उसे मेरी गांड में डालता। जब मेरी गांड बिल्कुल गीली हो गई तो उसने थोड़ा सा थूक अपने लंड पर लगाया और अपने लंड का टोपा मेरी गांड के छेद पर रखा और एक जोरदार झटका मारा।
उसका पूरा का पूरा लंड मेरी गांड में चला गया, मैं तो मानो मर ही गई, मेरी आँखों में आँसू आ गये और उसे लंड निकलने के लिए कहने लगी लेकिन वो मेरी गांड में लंड डाले ही मुझे पर लेट गया। कोई दस मिनट बाद जब दर्द कम हुआ तो उसने धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए।
अब तो मैं भी उसका साथ देने लगी और चिल्लाने लगी- बहन के लौड़े! और जोर से चोद! फाड़ दे मेरी गांड! अपनी बहन को इतना चोद कि मैं खड़ी भी न हो पाऊँ!
वो जोर जोर से धक्के मारने लगा। उसका पूरा का पूरा का लंड मेरी गांड की जड़ तक जा रहा था। करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद वो कहने लगा कि उसका काम होने वाला है।
बोला- अब मैं लण्ड निकालने वाला हूँ।
मैंने उसे कहा- नहीं यार! आज तो अपने अमृत से मेरी गांड की प्यास बुझा दे। अंदर ही झाड़ दे अपना माल!
वो झटके मारने लगा और अपना पानी मेरी गांड में भर दिया। उसके लंड से निकला गर्म पानी गांड में डलवा कर मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। पानी छोड़ने के बाद मैंने उसका लंड चाट कर साफ़ कर दिया।
मैंने कहा- मेरे राजा भाई! अपनी बहन की चूत नहीं मारेगा क्या?
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10 मिनट में उसका लंड फिर से लोहे जैसा हो गया। उसने मुझे सीधी लिटा दिया और मेरी टाँगें चौड़ी करके मेरी चूत चाटने लगा। मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं स्वर्ग में हूँ और बस चूत चटवाती ही रहूँ।
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hi, I am tinku sharma, hum bhi chudai ke bahut hi bade diwane h or sabhi sexy girl, bhabhi or aunty ki sexy problem ko dur karte h, jis bhi sexy girl, bhabhi or aunti ko kisi karanwas kam sex mil pa raha h ya kinhi karno se nahi mil raha h, wo jalad se jalad mere se con kare or aapni sex problem dur kare, or aapni sari bate gupt rakhi jaegi, mera no. h 9013866212, mere sath eak bar chudai karke aapko jo maza aaega wo aapko sex se sath pata chalega, jo mere sath eak bar sex karti h wo pichale sare sex bhul jati h, ye mera wada h aapse,
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ReplyDeletebest chudai kahani
हॉस्टिल के पियोन ने तोड़ी मेरी सील
चचेरी बहन के साथ चोर पुलिस भाग
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